sacredverses | Shiva Tandava Stotra | शिव ताण्डव स्तोत्र | Most powerful Shiva Stotram | with lyrics @sacredverses | Uploaded 2 years ago | Updated May 19 2024
Shiva Tandava Stotra (शिवताण्डवस्तोत्र) is a Sanskrit stotra that describes Shiva's power and beauty. It is attributed to Ravana, the King of Lanka, who is considered to be a great devotee of Shiva.
The story is that Ravana, tried to take Kailasa, the abode of Shiva, to Lanka on his shoulders. So Shiva, who wanted to teach him a lesson placed his big toe upon Kailasa which caused it to come crashing down over Ravana. Realising the power of Shiva and out of agony, Ravana plucked his intestines and played a tune and sang a praise dedicated to Shiva, which, in time came to be known as the Shiva Tandava Stotram
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LYRICS (Sanskrit):
जटाटवी गलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्ग मालिकाम्॥
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥
जटाकटाह सम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी विलोलवीचि वल्लरीविराजमानमूर्द्धनि ॥
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके किशोर चन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम॥२॥
धराधरेन्द्रनन्दिनी विलासबन्धुबन्धुर स्फुरद्दिगन्तसन्तति प्रमोदमानमानसे॥
कृपाकटाक्षधोरणी निरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्दिगम्बरे मनोविनोदमेतु वस्तुनि॥३॥
जटाभुजङ्ग पिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा कदम्बकुङ्कुमद्रव प्रलिप्तदिग्वधूमुखे॥
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्व गुत्तरीय मे दुरे मनोविनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि॥४॥
सहस्रलोचनप्रभृत्य शेषलेखशेखर प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः॥
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक: श्रियै चिराय जायतां चकोर बन्धुशेखरः॥५॥
ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जय स्फुलिङ्गभा निपीत पञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम्॥
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं महाकपालिसम्पदे शिरोजटालमस्तुनः॥६॥
करालभालपट्टिका धगद्धगद्धगज्ज्वल द्धनञ्जयाहुतीकृत प्रचण्डपञ्चसायके॥
धराधरेन्द्रनन्दिनी कुचाग्रचित्रपत्रक- प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम॥७॥
नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत् कुहूनिशीथिनी तमः प्रबन्धबद्धकन्धरः॥
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तसिन्धुरः कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरन्धरः॥८॥
प्रफुल्लनीलपङ्कज प्रपञ्चकालिमप्रभा वलम्बिकण्ठकन्दली रुचिप्रबद्धकन्धरम्॥
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे॥९॥
अखर्वसर्वमङ्गला कलाकदम्बमञ्जरी रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणा मधुव्रतम्॥
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे॥१०॥
जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजङ्गमश्वसद् विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करा लभालहव्यवाट्॥
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्ग तुङ्गमङ्गल ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः॥११॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्ग मौक्तिकस्त्रजो र्गरिष्ठरत्नलोषयो: सुह्यद्विपक्षपक्षयो: ।
तृणारविन्दचक्षुषो: प्रजामहीमहेन्द्रयो: समप्रवृत्तिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम् ॥१२॥
कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरस्थमञ्जलिं वहन्॥
विलोललोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मन्त्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम्॥१३॥
इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्॥
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथागतिं विमोहनं हि देहीनां सुशङ्करस्य चिन्तनम्॥१४॥
पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं य: शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे॥
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां लक्ष्मीं सदैव सुमुखीं प्रददाती शम्भु:॥१५॥
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INFO:
► Track: Shiva Tandava Stotram
► Artist: Pt. Hari Nath
► Album: Shiva Tandava
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IMPORTANT dates:
Maha Shivaratri 2022: Tuesday, 1st March
Hartalika Teej 2022: Tuesday, 30th August
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#ShivTandav
#Mahashivratri
#OmNamahaShivaya
Shiva Tandava Stotra (शिवताण्डवस्तोत्र) is a Sanskrit stotra that describes Shiva's power and beauty. It is attributed to Ravana, the King of Lanka, who is considered to be a great devotee of Shiva.
The story is that Ravana, tried to take Kailasa, the abode of Shiva, to Lanka on his shoulders. So Shiva, who wanted to teach him a lesson placed his big toe upon Kailasa which caused it to come crashing down over Ravana. Realising the power of Shiva and out of agony, Ravana plucked his intestines and played a tune and sang a praise dedicated to Shiva, which, in time came to be known as the Shiva Tandava Stotram
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LYRICS (Sanskrit):
जटाटवी गलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्ग मालिकाम्॥
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥
जटाकटाह सम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी विलोलवीचि वल्लरीविराजमानमूर्द्धनि ॥
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके किशोर चन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम॥२॥
धराधरेन्द्रनन्दिनी विलासबन्धुबन्धुर स्फुरद्दिगन्तसन्तति प्रमोदमानमानसे॥
कृपाकटाक्षधोरणी निरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्दिगम्बरे मनोविनोदमेतु वस्तुनि॥३॥
जटाभुजङ्ग पिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा कदम्बकुङ्कुमद्रव प्रलिप्तदिग्वधूमुखे॥
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्व गुत्तरीय मे दुरे मनोविनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि॥४॥
सहस्रलोचनप्रभृत्य शेषलेखशेखर प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः॥
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक: श्रियै चिराय जायतां चकोर बन्धुशेखरः॥५॥
ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जय स्फुलिङ्गभा निपीत पञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम्॥
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं महाकपालिसम्पदे शिरोजटालमस्तुनः॥६॥
करालभालपट्टिका धगद्धगद्धगज्ज्वल द्धनञ्जयाहुतीकृत प्रचण्डपञ्चसायके॥
धराधरेन्द्रनन्दिनी कुचाग्रचित्रपत्रक- प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम॥७॥
नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत् कुहूनिशीथिनी तमः प्रबन्धबद्धकन्धरः॥
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तसिन्धुरः कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरन्धरः॥८॥
प्रफुल्लनीलपङ्कज प्रपञ्चकालिमप्रभा वलम्बिकण्ठकन्दली रुचिप्रबद्धकन्धरम्॥
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे॥९॥
अखर्वसर्वमङ्गला कलाकदम्बमञ्जरी रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणा मधुव्रतम्॥
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे॥१०॥
जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजङ्गमश्वसद् विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करा लभालहव्यवाट्॥
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्ग तुङ्गमङ्गल ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः॥११॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्ग मौक्तिकस्त्रजो र्गरिष्ठरत्नलोषयो: सुह्यद्विपक्षपक्षयो: ।
तृणारविन्दचक्षुषो: प्रजामहीमहेन्द्रयो: समप्रवृत्तिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम् ॥१२॥
कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरस्थमञ्जलिं वहन्॥
विलोललोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मन्त्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम्॥१३॥
इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्॥
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथागतिं विमोहनं हि देहीनां सुशङ्करस्य चिन्तनम्॥१४॥
पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं य: शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे॥
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां लक्ष्मीं सदैव सुमुखीं प्रददाती शम्भु:॥१५॥
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INFO:
► Track: Shiva Tandava Stotram
► Artist: Pt. Hari Nath
► Album: Shiva Tandava
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IMPORTANT dates:
Maha Shivaratri 2022: Tuesday, 1st March
Hartalika Teej 2022: Tuesday, 30th August
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#Mahashivratri
#OmNamahaShivaya