sacredverses | Ramayan Chaupai | Mangal Bhawan Amangal Haari | Shree Ram Bhajan | मंगल भवन अमंगल हारी @sacredverses | Uploaded 9 months ago | Updated May 19 2024
Jai Shri Ram!
जय श्री राम
रामायण चौपाइयां
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ॥
होइहि सोइ जो राम रचि राखा।
को करि तर्क बढ़ावै साखा॥
धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी ॥
जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू ॥
जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरति देखी तिन तैसी ॥
हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता ॥
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई ॥
Jai Shri Ram!
जय श्री राम
रामायण चौपाइयां
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ॥
होइहि सोइ जो राम रचि राखा।
को करि तर्क बढ़ावै साखा॥
धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी ॥
जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू ॥
जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरति देखी तिन तैसी ॥
हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता ॥
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई ॥